फोटो, साभार: Google रामप्रीत दा, ई मुंह अन्हारे कहाँ चले दिए .. अरे कुछ नहीं ज्ञानी ..कुछ समय से बड़ी परेशानी में हैं। किसी का कुछ बिगाड़े भी नहीं हैं न किसी को कोई तकलीफ दे रहे हैं फिर भी न जाने काहे कोई भी काम करते हैं सब उलटा ही हो जाता है। कर्जा …