
पढ़ना इ लड़का के बूते का नहीं है| एक भी हिसाब इससे हले नहीं होता है| अब क्या करें इसका| सौम्य की माँ गुस्से में भुनभुना रही थीं|
क्या हुआ माँ? देख रहा हूँ आप बड़े गुस्से में हैं| आखिर क्या बात हो गई? अगर हमें बताने लायक है तो बताइये, सौम्य के बड़े भैया धृति ने आँगन में प्रवेश करते हुए माँ से पूछा|
अरे और कुछ नहीं बस ये जो तुम्हारा छोटका भाई है न इ एकदम्मे नालायक होता जा रहा है| बिलकुल ही पढाई पर ध्यान नहीं देता है| जब देखो, खेल में मगन रहता है| अभी-अभी निरंजन मास्टर साहेब कह गए हैं कि कहिए इसको फुटबॉल खेलना छोड़कर पढाई में मन लगाए नहीं तो भगवान भी इसको बोर्ड के परीक्षा में पास नहीं करवा सकते| फुटबॉल खेलकर जीते गए मेडल या प्रशस्ति पत्र से इसको परीक्षा में नंबर नहीं मिलनेवाला| समझाइये इसको|
एक तुम थे जिसको कभी भी पढ़ने के लिए नहीं कहा गया| खुद ही लगन से पढ़ते थे| और गणित में तो तुम्हारा जोड़ नहीं था| एक से एक सवाल तुम चुटकी में हल कर देते थे|
हाँ तो मैं भी तो चुटकी में गोल दाग देता हूँ, सौम्य ने माँ को जवाब दिया|
धृति ने सौम्य को चुप रहने को कहा और उसे प्यार से पुचकारते हुए बोला- चलो आज तुमको एक जादू सिखाते हैं|
जादू.. वाह.. लेकिन इसका पढाई से क्या सम्बन्ध है भैया?
है न भाई, बड़ा गहरा सम्बन्ध है|
आओ आज तुमको गणित का एक जादू दिखाएं|
चलो शुरू हो जाओ- तीन अंकों की कोई एक संख्या लो|
ले लिए भैया|
क्या लिए?
375 लिए भैया|
ओके, अब इस संख्या को दुबारा लिखकर 6 अंकों की संख्या बनाओ ( 375375 )
अब इसमें 7 से भाग दो|
(375375 /7 = 53625 )
अब भागफल को 11 से भाग दो| ( 53625 /11 = 4875 )
उपर्युक्त भागफल 4875 में 13 से भाग दो ( 4875 /13 = 375 )
अरे ये तो वही शुरू वाला तीन अंकों की संख्या मिल गयी|
ये तो सच में गणित का जादू जैसा दिख रहा है|
अब 375 की जगह कोई दूसरी संख्या लेकर के उपर्युक्त की पुनरावृत्ति करो|
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अरे वाह भैया, ये तो आपने गजबे का ट्रिक बताया| एकदम भुक्क से दिमाग का बत्ती जल गया|
भैया, क्या आप बता सकते हैं कि यह जादू कैसे हो रहा है|
धृति के चुप रहने पर सौम्य ने कहा, प्लीज भैया बताओ न|
पहले जरा खुद भी त दिमाग लगाओ|
अरे भैया बताओ न प्लीज!!
ओके! ओके!
अब इसका रहस्य जानो- 7, 11, 13 से ही क्यों भाग दिया?
(7) × (11) × (13) = 1001,
(375)× (1001) = 375375
(इस तरह 3, 7, 5 को हमने 1001 से गुणा किया और फिर 1001 से भाग दे दिया|)
समझ में आया कुछ?
किसको समझा रहे हो धृति, बाबा ने अंदर आते हुए पूछा|
सौम्य को गणित का रहस्य समझा रहा हूँ बाबा|
अरे बबुआ इसकी कुंडली में तुम्हारी कुंडली की तरह सूर्य, बुध और मंगल साथ नहीं बैठे हैं, और न ही सूर्य, बुध को मंगल देख रहा है और न ही बुध की दशा चल रही है|
क्या मतलब बाबा? धृति ने पूछा|
मतलब यह कि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य यदि बुध और मंगल के साथ बैठा हो, या सूर्य और बुध को मंगल देख रहा हो तो वैसा व्यक्ति गणित के रहस्यों को ठीक वैसे ही उजागर करता है, जैसे तुम कर लेते हो|
तो बाबा फिर सौम्य की कुंडली में कौन सा योग है जो इसको पढाई से भटकाव दे रहा है और खेल में रुचि पैदा कर रहा है| न सिर्फ रुचि पैदा कर रहा है वरन अच्छा खेल भी रहा है, पदक भी जीत रहा है|
हाँ बाबा बताइए न मेरी कुंडली में कौन सा योग है.. सौम्य ने चहकते हुए पूछा|
अच्छा अच्छा ये हम दूसरे दिन बताएँगे अभी तुम अपने भैया से गणित का जादू सीखो.. बाबा ने स्नेह से सौम्य के सिर पर अपना हाथ फेरते हुए कहा|