
एक तरफ भारत चीन के बीच घमासान संघर्ष चल रहा हो, दोनों देशों के रक्षा अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही हो, और पूरी दुनिया की नजर भारत पर हो कि भारत कैसे इस संघर्ष से निपटता है, तो ऐसे में इन सभी गतिविधयों को आधार बनाकर एक ज्योतिषीय चर्चा करनी बनती है|
1 अक्टूबर 1949 को Chinese Peoples Republic का जन्म हुआ| इसके जन्म के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने कहा ” These two Asian giants could together start a New Asian Era.”
चीन की मंशा को पंडित नेहरू भांप नहीं पाए|
आइये भारत और चीन के बीच होने वाली कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को एक एक करके देखें –
1 – अक्टूबर/ नवंबर 1950 – तिब्बत को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद की शुरुआत हुई |
2– 29 अप्रैल 1954 – दोनों देशों के बीच पंचशील समझौता हुआ |
3 – 1957 – चीन द्वारा अक्साई चीन पर अवैध कब्ज़ा किया जाना और यहाँ से होकर अपने पश्चिमी राजमार्ग का निर्माण करना|
4 – 20 अक्टूबर 1962 भारत चीन युद्ध हुआ |
5 – अगस्त/ सितंबर 1967 – दोनों देशों के बीच सीमा विवाद हुआ |
6 – 1987 – भारतीय सेना और चीन के PLA Ground Force के बीच तीसरा मिलिट्री विवाद हुआ |
7– 2017 – डोकलाम विवाद हुआ |
8 – 2020 (वर्तमान ) – …..( इन तीनों ग्रह के आपसी संवाद और सूर्य के विचलन को देखते हुए यह संकेत मिलता है कि भले ही आज हम इस तरह की तनातनी का प्रत्यक्ष सामना कर रहे हैं लेकिन इसकी नींव रखी गयी है अप्रैल 2019 में|)
इसके अलावा अभी नेपाल भी उग्रता दिखा रहा है| नेपाल के ताजा विवाद की वजह सुगौली संधि है| इस संधि पर हस्ताक्षर 2 दिसम्बर 1815 को किया गया और पुनः संशोधित 4 मार्च 1816 किया गया|
भारतवर्ष जब भी इस तरह के संकट से गुजरा है तब तब, बृहस्पति, शनि और मंगल एक दूसरे के साथ खास संवाद स्थापित करते हैं| आप कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है कि देश की आंतरिक और बाह्य अस्थिरता ग्रहों के अधीन हो| मेरे द्वारा पिछले कुछ वर्षों से किये जा रहे शोध से मैंने यह पाया है कि जब जब सूर्य का विचलन हो रहा होता है और इन ग्रहों के बीच एक खास संवाद स्थापित होता है, देश संकट की घड़ी से गुजरता है| चाहे वह युद्ध हो, सीमा सम्बन्धी विवाद हो, आंतरिक अस्थिरता हो या दो पूर्व प्रधानमंत्रियों की हत्या हो|
श्रीमती इंदिरा गाँधी की जिस वर्ष हत्या हुई उस वर्ष यानि 1984 में इन तीनों ग्रहों ने 20 सितम्बर से 10 नवंबर तक आपस में खास संवाद किया|
श्री राजीव गाँधी की जब हत्या हुई तो उस वर्ष 15 मार्च से 10 जुलाई तक इन तीनों ग्रहों ने आपसी संवाद बनाया |
आगे आनेवाले समय में फिर से इन ग्रहों के बीच खास संवाद कब स्थापित होगा ??
1– जुलाई 2021 से नवंबर 2021 के बीच
2 – अक्टूबर 2022 में
3 – जून 2023 से मार्च 2024 के बीच| यह एक लम्बी अवधि होगी|
4 – दिसंबर 2025 – जनवरी 2026
ग्रहों के संकेत के अनुसार आगे की व्यूह रचना में इस प्रकार की बातों पर बल दिया जा सकता है –
1– सिर्फ कूटनैतिक प्रयासों में ही तेजी नहीं लाई जाएगी वरन रक्षा तंत्र को और मजबूत किया जाएगा |
2 – विदेश नीति निर्धारण में सेना से सलाह ली जाएगी|
3– सीमावर्ती इलाकों और सीमा क्षेत्र में आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाएगा|जॉर्ज फर्नांडिस ने रक्षा मंत्री रहते strategic road बनाने कि जो बात कही थी उसपर अब सख्ती से अमल किया जायेगा|
4 – सशस्त्र बल को और बल प्रदान किया जाएगा |
5 -वैश्विक रूप से नए और सुदृढ़ संबंधों की नींव रखी जाएगी|
6 – भारत और चीन, दो सशक्त और मजबूत एशियाई शक्ति हैं| इन दोनों के बीच आपसी मतभेद के बावजूद व्यापारिक सम्बन्ध बने रहेंगे|
ग्रहों के संचरण के अनुसार भारत अभी मजबूत स्थिति में है| ग्रहों के द्वारा, अगस्त माह तक स्थिति से दृष्टि नहीं हटाए जाने का संकेत है| मैंने ग्रहों के संकेत को लेकर पहले भी लिखा है कि इस समय उग्र स्थितियों के बनने के बावजूद इसकी परिणति एक बड़े युद्ध के रूप में अभी नहीं होगी|
भिन्न भिन्न माध्यमों से भारत और चीन से सम्बंधित जो खबरें आ रही हैं, ग्रहों के संकेत उनसे असहमति जताते हुए यह संकेत देती है कि वस्तु स्थिति ऐसी नहीं है जैसी दिखाई जा रही है| भारत की स्थिति बेहतर है|
@ बी. कृष्णा