
एक तरफ कोरोना की मार तो दूसरी तरफ मौसम की मार |एक तरह से देखा जाये तो मौसम की मार अधिक त्रासद है |गेहूं और सरसों कब किसान घर लेकर जा पायेगा यह फ़िक्र की बात है | इन सबके बीच शेयर बाजार में अफरा तफरी मची हुई है |
प्रकृति के खेल को कोई नहीं समझ सकता |कब क्या हो जाए इसका आकलन इंसान तब तक नहीं कर सकता जबतक वह प्रकृति के साथ लयबद्ध नहीं होगा | प्रकृति और व्यक्ति की लयबद्धता में ज्योतिष एक महत्वपूर्ण कड़ी है | आज हम कोरोना से छुटकारा कब तक ?? मौसम की बेवजह मार से मुक्ति कब तक ?? और शेयर बाजार के निवेशक क्या करें ?? इन सबको ज्योतिष के नज़र से देखेंगे |
मैं लगातार यह लिखती जा रही हूँ की ज्योतिष का मतलब राशिफल कथन या भविष्यफल कथन नहीं है | इसका फलक अनंत विस्तार वाला है | काफी व्यापक विधा है यह |
साथ ही साथ मैंने लगातार यह भी कहा है की यह एक ऐसी विधा है जो कभी भी एकांगी होकर किसी को देखने की सलाह नहीं देता वरन हमेशा योग की बात करता है |
सन 1817 से अब तक अर्थात 2020 तक की बीमारयां जिसने महामारी का रूप लिया वो रहीं कॉलरा ,फ्लू ,मीजल्स, SARS , इबोला और अभी कोरोना |
वर्ष 1817 में पहली बार कॉलरा ने महामारी का रूप लिया |
1852 ,1855 ,1875 ,1889 ,1918 , 1957 ,1968 ,2001 ,2005 , 2009 ,2014 इन वर्षों में शुरू होकर महामारी का रूप धारण कर लेने वाली बीमारीओं का जब मैंने अध्ययन प्रारम्भ किया तो ग्रहों की कुछ खास प्रकार के संबंधों की पुनरावृति ने मुझे चौंकाया |
क्या है वह सम्बन्ध ??
वह सम्बन्ध है –
1 – शनि का मुख्यतः जल तत्व राशि या पृथ्वी तत्व राशि में होना |
2 – शनि का राहु या केतु के साथ एक खास कोणीय सम्बन्ध बनाना |
3 – बृहष्पति का मुख्यतः केतु के साथ खास कोणीय सम्बन्ध बनाना |
4 – इस प्रकार से बने संबंधों को मंगल का समर्थन मिल जाना |
31 दिसम्बर 2019 से ग्रहों की ऐसी युति तैयार हुई है |
कोरोना से मुक्ति कब तक ??
अभी शनि पृथ्वी तत्व राशि में है और 22 अप्रैल तक बृहष्पति और केतु ऊपर वर्णित सम्बन्ध में है |22 अप्रैल के बाद बृहष्पति और केतु का सम्बन्ध समाप्त होगा तो कह सकते हैं की तब के बाद से स्थिति में सुधार होना प्रारम्भ हो जाएगा लेकिन एक अगस्त 2020 में इन दोनों का सम्बन्ध फिर कायम हो जायेगा जो की 7 सितम्बर 2020 तक रहेगा अर्थात ज्योतिषीय आकलन के अनुसार सितम्बर माह तक एहतियात बरतने की जरूरत है |
मौसम की मार से छुटकारा कब ??
मैंने पहले भी इसके बारे में लिखा है |मौसम की अठखेलियां अभी ऐसे ही जारी रहेंगी |मार्च के अंतिम सप्ताह तक बेमौसम की बरसात किसानो के लिए चिंता का सबब बनेगा |मार्च के अंतिम सप्ताह में तेज हवा के साथ बारिश चिंतनीय है |
अप्रैल ,मई, अगस्त ,सितम्बर ये सभी महीने मौसम के रुख में अप्रत्याशित मोड़ लेकर आने वाले महीने हैं | प्राकृतिक उत्पात के बढ़ने का संकेत है |
ग्लोबल कूलिंग का वर्ष रहेगा 2020 |
शेयर बाजार के निवेशकों के लिए क्या हैं ग्रहों के संकेत –
मार्च का महीना – बाजार काफी असंतुलित रहने का संकेत है खासकर 22 मार्च तक |सोमवार को भी निवेशकों के लिए अच्छा संकेत नहीं है | अभी संभल कर बाजार में निवेश करें |
प्रकृति का अपना तरीका है हमें कुछ भी सिखाने का | पहले वह आराम आराम से संकेत देती है | उसे हमने अनसुना या अनदेखा किया तो फिर अपना डंडा जोर से चलाती है |
आइये समय रहते चेतें |तभी बच पाएंगे |वार्ना 2029 ,2043 ज्यादा दूर नहीं है |
ज्योतिष के माघ्यम से ग्रहों को जानें | उन सबका एक दूसरे के साथ मिलकर बनाने वाले योग को जाने |
प्रकृति के साथ बैठें , बतिआएं ,इसका हाल जाने और जानते जानते इसमें समाहित हो जाएं साथ ही साथ प्रकृति को भी खुद के भीतर समाहित कर लें | दो से एक हो जाएँ |पूर्ण हो जाएँ |
@B Krishna Narayan
ASTRO TALK